Alzheimer: आंखों की सबसे बड़ी समस्या बढ़ाती है अल्जाइमर का खतरा, जानिए कैसे करती है नुकसान
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Alzheimer: हमारे शरीर के हर अंग का आपस में गहरा संबंध होता है, अर्थात यदि एक अंग में कोई समस्या होती है, तो उसका असर अन्य अंगों पर भी पड़ता है। इसी तरह, मस्तिष्क एक ऐसा अंग है, जिसमें यदि कोई हल्का सा दोष भी हो, तो उसका असर अन्य अंगों पर विशेषकर आंखों पर पड़ने लगता है।
हाल ही में एक शोध से यह बात सामने आई है कि अगर मस्तिष्क रोग अल्जाइमर लंबे समय तक बना रहता है, तो यह आंखों को भी नुकसान पहुंचाता है। इससे आंखों की रोशनी खोने के साथ-साथ कई गंभीर मामलों में आंखों की रोशनी पूरी तरह से जा सकती है। आइए जानते हैं कि अल्जाइमर और आंखों के बीच क्या संबंध है और यह कैसे नुकसान पहुंचाता है।
अल्जाइमर और आंखों के बीच संबंध
अल्जाइमर रोग और अन्य मस्तिष्क से संबंधित बीमारियां आंखों को प्रभावित करती हैं। दरअसल, ऑप्टिक नर्व और रेटिना मस्तिष्क के ऊतक होते हैं जो मस्तिष्क की परत से बाहर फैलते हैं। जब अल्जाइमर जैसी बीमारी मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, तो यह आंखों की रेटिना को भी प्रभावित कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप आंखों की रोशनी चली जाती है, फोकस करने में परेशानी होती है, और गंभीर मामलों में आंखों की रोशनी पूरी तरह से खो सकती है।
कैसे बढ़ता है अल्जाइमर का खतरा और आंखों की समस्या?
अल्जाइमर का असर धीरे-धीरे बढ़ता है और मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। जब मस्तिष्क की कोशिकाओं की मृत्यु होती है, तो यह असर न केवल मस्तिष्क पर पड़ता है, बल्कि ऑप्टिक नर्व और रेटिना जैसी संरचनाओं तक पहुंचता है। इसके कारण, दृष्टि संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती हैं जैसे दृष्टिहीनता, वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, और कुछ मामलों में तो आंखों की पूरी रोशनी का नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम इस संबंध को समझें और ध्यान रखें कि हमारी आंखों की सेहत हमारे मस्तिष्क की सेहत से जुड़ी हुई है।
अल्जाइमर और आंखों की सेहत को कैसे बचाएं?
अल्जाइमर के खतरे को कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
- नियमित नेत्र परीक्षण: आंखों की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए नियमित रूप से नेत्र परीक्षण करवाना आवश्यक है। यह आपको किसी भी प्रकार की आंखों की समस्या का पहले से पता लगाने में मदद करता है।
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार: आंखों की सेहत के लिए हरी सब्जियां, गाजर, मेवे और फैटी मछली जैसे आहार का सेवन करें। ये सभी पोषक तत्व आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- स्क्रीन से ब्रेक लें: डिजिटल स्क्रीन से ज्यादा देर तक काम करने से आंखों पर दबाव पड़ता है। इसके लिए नियमित रूप से स्क्रीन से ब्रेक लें और अपनी आंखों को आराम दें।
- धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, यह आंखों और मस्तिष्क दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इनसे दूर रहें।
- शारीरिक और मानसिक गतिविधियाँ: शारीरिक व्यायाम जैसे दौड़ना या योग करना और मानसिक गतिविधियाँ जैसे ध्यान या मेडिटेशन करना, मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह अल्जाइमर के खतरे को भी कम करता है।
- प्राकृतिक रोशनी में समय बिताएं: प्राकृतिक रोशनी में समय बिताने से आपकी आंखों की सेहत में सुधार हो सकता है और मस्तिष्क को भी लाभ पहुंचता है।
अल्जाइमर से बचाव के उपाय
अल्जाइमर से बचने के लिए विशेष रूप से विटामिन D से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, एक स्वस्थ आहार, ध्यान, और सकारात्मक वातावरण में रहना भी अल्जाइमर के जोखिम को कम करने में सहायक है। मानसिक रूप से सक्रिय रहना और शारीरिक व्यायाम करना मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
अल्जाइमर और आंखों के बीच का संबंध एक महत्वपूर्ण बात है जिसे समझना बेहद जरूरी है। यह जानकर हम अपनी आंखों की देखभाल कर सकते हैं और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए कदम उठा सकते हैं। नियमित नेत्र परीक्षण, सही आहार और स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से हम दोनों समस्याओं से बच सकते हैं और अपने शरीर की समग्र सेहत को बेहतर बना सकते हैं।